एक दिन ऐसा भी आएगा?
जब दुनिया से मुहब्बत गायब हो जायेगा.
अब कहाँ कोई जान देने की बात करता है?
कहाँ फ़ना होने की फितरत है किसी में?
झूठा है जो दिलो- जान से चाहने की बात करे.
अब मुहब्बत किताबों में रह गयी है
और वो किताबें लाइब्रेरी के किसी कोने में
सड़ रहीं हैं.
अब मुहब्बत मतलब बस 'आई लव यू'.
ज्योतिकृष्ण वर्मा
8 hours ago

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