पूछ के आई होती मौत
तो क्या बात थी
चूम लिया होता लबों को फिर से
वो मेरे पास ही लेती थी.
खुदा ने दिल दिया और कहा
पेशाब करना पाखाना नहीं.
यह खुदा भी अजीब है.
कहते हैं दिल आया गधी पर
तो परी क्या चीज़ ?
अब यह नस्ल भी चालाक हो गयी है.
देखती तो ऐसे है कि डंस लेगी;
नाज़ुक ज़वानी है लेकिन
पाए तो काट खाए.
हैहात नादाँ लड़की!!
अंकल बुलाती है मुझे.
जो देखकर मुस्कुरा देते हैं,
मेरे मरने के बाद कहेंगें:
था आदमी अच्छा मगर
सर बहुत खाता था.
मंत्रमुग्धा / कविता भट्ट
2 years ago
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