दिल की बात दिल में ही, रहे तो अच्छा है
किसी से कुछ ना कहें, तो ही अच्छा है.
क्या करेगा सुनके भी कोई हाले- दिल
ना दे दिलासा हमें, तो ही अच्छा है.
कुछ तो सुनके बोसे भी बहा लेंगें
कुछ क्या करेंगें जाके सब पता है.
अगर मैं मांग लूं उनसे कोई दुआ
वो भी ना देंगे मुफ्त में, ये भी पता है.
शुक्रिया जो आयेंगें मेरे ज़नाजे में
जो ना आयेंगें उससे तो अच्छा है.
मंत्रमुग्धा / कविता भट्ट
2 years ago
बहुत सही सलाह दी आपने ...............दिल की बात दिल मे ही रहे तो अच्छा है .........बढिया
ReplyDeleteAgar chhupa ho koi dard dil me tumhare
ReplyDeleteto kisi apne se use baat kar dekho
Bant lene se dard,ban jata hai ek atut rista
Us riste ki gahrai kabhi map kar to dekho
yu puri duniya par ilzam lagane se to achcha hai,
In ilzam lagane ko hi tham kar dekho