Thursday, July 9, 2009

आवाज़ दो

जब दोस्तों में हो जाये कोई तनहा
जब तनहा हो तन्हाई
जब तन्हाई में उठे हूक
जब हूक से हो घबराहट
जब घबरा कर बढें धड़कनें
जब धडकनों में सजे सुर कोई
जब इन सुरों पर कोई लिखे गीत
जब कोई सुन सके वो गीत
जब सुनकर दे आवाज़ मुझे.

है भी कोई जो मुझे आवाज़ लगाये?

1 comment:

  1. Agar ho jao kabhi tanha,
    Khud k sath dil lagakar dekhna
    Tumhare sath hogi tere dharkanon ki geet,
    un par khud ko thirkakar dekhna
    Aur agar phir v na ho pao ghabrahat se door
    To khud ko ek bar awaz lagakar dekhna
    TAB TANHAI ME V TERE LAVON PAR MUSKAN HOGI.

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