कहाँ से आ जाते हैं
इतने सारे ख्याल?
वक़्त बेवक्त
'मूड' अच्छा हो तो खराब कर देते हैं
और खराब हो तो ठीक भी कर देते हैं.
खासकर
जब अकेला होता हूँ
और तन्हाई होती है
यूं लगता है जैसे किसी ने
चुपके से आके
ख्यालों की
लाल पीली इंजेक्शन
लगा दी हो,
जो दिमागी रेत पर
ख्यालों की
घासें पनप जाती हैं
मौसम . . . .
खुश्क हो तो भी.
मंत्रमुग्धा / कविता भट्ट
2 years ago
बेमौसमी ख्याल तो ऐसे ही होते हैं ... अचानक चले आते हैं .. अच्छा लिखा है ....
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