कहने को तो वो
छोटी सी ही बात थी
पर दिमाग में
यूँ जाके अटकी
कि बस खून ही खून
हो गया
काफी जखम सा बन चुका है
और रह रह कर
उसका पीब
रिसता रहता है.
किसने कहा
वो छोटी बात थी?
मंत्रमुग्धा / कविता भट्ट
2 years ago
दिल की बात, सीधे दिल से
No comments:
Post a Comment