Tuesday, April 7, 2009

बरसात

रात इक बात आई थी
कहने ख्याल से
कि यादों के जंगल में
आग लगी है,
अश्कों का पता पूछ रही थी.

तब आँखों में चुभ गया
इक तिनका सा ख्याल
और पानी बरस पड़ा.

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