कभी कभी
हम जो चाहते हैं,
वो नहीं होता.
जो पाना चाहते हैं
वो नहीं मिलता.
जितना मिलता नहीं,
उससे कहीं ज्यादा खो जाता है.
ज़िन्दगी को
जितना ही पकड़ना चाहते हैं
वो उतना ही दूर भागती है.
हम चाहें न चाहें
यह ज़िन्दगी कट ही जाती है
थोडी मजबूरी से, कुछ समझौतों से.
और एहसास भी नहीं होता
की कब ख़त्म हो गयी
ज़िन्दगी.
कभी कभी
ज़िन्दगी हमें जीती है.
मंत्रमुग्धा / कविता भट्ट
2 years ago
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