Friday, April 3, 2009

तमन्ना

पत्तियाँ ख़्वाबों की
शाखों से गिर गयीं
अश्कों में ढलकर
आखों से गिर गयीं.
बिखरे हैं आँगन में
तिनके तमन्नाओं के
जरा संभलकर चलो, दोस्त
जमीं गीली है.

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