हो डगर जितना भी कठिन
मंजिलें मिल जाती हैं
गर इरादा पक्का हो तो
मंजिलें मिल जाती हैं.
रास्ते बन जाते हैं
पर्वतों को तोड़कर
इक महासागर बनता है
बूँद बूँद जोड़कर.
हौसला मत छोड़ना बस
मंजिलें मिल जाती हैं.
दूसरों की बाद में
पहले दिल की सुन ले तू
दिल से थोड़ी गुफ्तगू कर
हो जा खुद से रू-ब-रू.
कुछ नहीं बस, खुद पे यकीं हो
मंजिलें मिल जाती हैं.
इक अमेरिकन था एडिसन
अपनी धुन में रहता था
रच गया इतिहास जो
दुनिया से वो कहता था.
आग हो सीने में तेरे गर
मंजिलें मिल जाती हैं.
मंत्रमुग्धा / कविता भट्ट
2 years ago
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