Sunday, February 5, 2012

आदतें

अपनी आदत से मजबूर हैं
दुनिया में सभी
किसी को दिल्लगी किसी को दिल
तुडवाने की बीमारी.

कोई ख़्वाब दिखाता कोई देखता है
कोई राज बताता है कोई दबाता है
कोई घर बनाता कोई रहता है
कोई सुनता है कोई गुनगुनाता है

कोई लूटता है कोई लुट जाता है
कोई छोड़ दे कोई अपनाता है
कोई रोये ही कोई मुस्कुराता है
कोई चीखे कोई फुसफुसाता है

कोई बेशर्म है कोई शरमाता है
करे सजदा कोई गलियाता है
कोई यादों में जिये कोई भूल जाता है

अपनी आदत से मजबूर हैं
दुनिया में सभी
किसी को मौत मिल जाए किसी को
ना आये जीना ही.

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