वो जो लग जाए मुझे, ऐसी कोई, दुआ नहीं.
मेरी हर किसी से है दोस्ती
कितने तो मेरे यार हैं
जिन पर बड़ा गुरूर है
अजी जान भी निसार है.
मगर ये अफ़सोस कि, उन्हें भी यूँ, लगा नहीं.
ये तो हुस्न वाले हैं अरे
इन्हें क्या कोई जिये मरे
बहुत बदगुमान है ये कौम
जो जमीं पे है कब ठहरे.
इतनी सी बात समझ लें ये, ऐसा कभी, हुआ नहीं.
कुछ लोग मुझ जैसे भी हैं
जिन्हें खुद की कुछ खबर नहीं
जिन्हें ग़म ही रास आ गया
ख़ुशी की कुछ कदर नहीं.
किसी रोते को हँसा दिया, कुछ और तो, किया नहीं.